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खेतों से संसद तक राधा मोहन सिंह की अद्वितीय यात्रा
एक भारतीय राजनीतिज्ञ एवं भारतीय जनता पार्टी के सदस्य श्री राधा मोहन सिंह पूर्व केन्द्रीय मंत्री (2014 – 19) थे।
![खेतों से संसद तक राधा मोहन सिंह की अद्वितीय यात्रा_Radha Mohan Singh BJP](https://radhamohansingh.com/wp-content/uploads/2024/01/adhamOhan-Singh.png)
श्री राधा मोहन सिंह का जन्म बिहार की समृद्ध धरती पर 1 सितंबर, 1949 को पूर्वी चंपारण जिले के नरहा में हुआ था। वह एक बेहद अनुभवी भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जिन्हें सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण के साथ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में गहरी भागीदारी के लिए प्रसिद्धि हासिल है। वह लगातार राज्य और केंद्र सरकार दोनों में विभिन्न प्रभावशाली पदों पर कार्य कर चुके हैं। वह वर्तमान में रेलवे के लिए संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं एवं भाजपा के लिए राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं, साथ ही यूपी भाजपा के प्रभारी का पद संभाल रहे हैं। अपनी युवावस्था से ही वह एक सक्रिय आरएसएस स्वयंसेवक रहे हैं।
उनकी राजनीतिक यात्रा का पहला अध्याय 1980 के दशक में सभी के समक्ष आया, जब उन्होंने बिहार में पूर्वी चंपारण निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए लोकसभा में संसद सदस्य के रूप में कार्य किया। इन वर्षों में, उन्होंने कई चुनाव जीते और भाजपा पार्टी में एक नेता के रूप में प्रसिद्धि हासिल की।
श्री राधा मोहन सिंह के राजनीतिक करियर में एक निर्णायक क्षण तब आया जब उन्हें प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार में कृषि और किसान कल्याण मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। वह मई, 2014 से मई, 2019 तक इस पद पर रहे। कृषि मंत्री के रूप में, राधा मोहन सिंह ने कृषि और ग्रामीण विकास से संबंधित प्रमुख नीतियों और पहलों को आकार देने और लागू करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके कार्यकाल में कृषि क्षेत्र में विभिन्न महत्वपूर्ण विकास हुए, जिनमें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (फसल बीमा योजना) और मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना जैसी पहल शामिल हैं, जिनका उद्देश्य भारतीय किसानों का कल्याण कर उनके जीवन स्तर में सुधार करना है।
सत्ता के गलियारों से परे, राधा मोहन सिंह टिकाऊ और आधुनिक कृषि पद्धतियों के प्रबल समर्थक के रूप में उभरे। उन्होंने एक ऐसे भविष्य की कल्पना की, जहां भारतीय कृषि फल-फूल सके, जहां किसानों की मेहनत को उचित सम्मान मिले और जहां इस समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान नवीन उपायों के माध्यम से किया जा सके।
देशवासियों की सेवा करने, विशेषकर कृषि और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में उनके समर्पण ने उन्हें देश के राजनीतिक परिदृश्य में एक प्रसिद्ध और सम्मानित व्यक्ति के रूप में स्थापित किया है। भारतीय कृषि में उनके योगदान ने एक स्थायी प्रभाव छोड़ा है, जिससे वह भाजपा में एक प्रमुख नेता और भारत में निःस्वार्थ सार्वजनिक सेवा के प्रतीक बन गए हैं।
![राधा मोहन सिंह की कृषि विरासत: परिवर्तन का एक युग_Radha Mohan Singh BJP](https://radhamohansingh.com/wp-content/uploads/2024/01/20240125004603_IMG_4685-1-1024x683.jpg)
भारतीय कृषि जगत में क्रांति: राधा मोहन सिंह का कुशल प्रबंधन
एक भारतीय राजनीतिज्ञ एवं भारतीय जनता पार्टी के सदस्य श्री राधा मोहन सिंह पूर्व केन्द्रीय मंत्री (2014 – 19) थे।
1. कृषि भूमि पट्टे (लीजिंग) की सुविधा प्रदान करना
मार्च, 2016 में कृषि भूमि के पट्टे को सरल बनाने के लिए, पीएम मोदी के निर्देश के तहत, नीति आयोग ने मॉडल लैंड लीजिंग अधिनियम तैयार किया, ताकि राज्यों को अन्य बातों के साथ-साथ, किरायेदार द्वारा संचालित कृषि भूमि पर दीर्घकालिक ऋण प्रवाह में सुधार करने के लिए अपने पट्टे/लीजिंग कानूनों को लागू करने की सुविधा मिल सके।
2. व्यापक फसल बीमा
अप्रैल, 2016 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत व्यापक फसल बीमा शुरू किया गया।
3. कृषि विपणन में सुधार
अप्रैल, 2017 में एक प्रगतिशील और सुविधाजनक मॉडल कृषि उपज और पशुधन विपणन (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2017 (एपीएलएम अधिनियम 2017 पेश किया गया।
4. जल-कुशल कृषि
अगस्त, 2017 में पानी के सर्वोत्तम उपयोग के लिए सूक्ष्म सिंचाई को प्रोत्साहित करते हुए “प्रति बूंद, अधिक फसल” पहल शुरू की गई।
5. जैविक खेती को बढ़ावा देना
मार्च, 2018 में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) शुरू की गई।
6. लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करना
किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करते हुए सितंबर, 2018 में प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) शुरू किया गया।
7. कृषि निर्यात को बढ़ावा देना
कृषि निर्यात को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए दिसंबर, 2018 में सरकार ने अपनी व्यापक “कृषि निर्यात नीति” जारी की, जिसका उद्देश्य कृषि निर्यात को दोगुना करना और भारतीय किसानों और कृषि उत्पादों को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ एकीकृत करना है।
8. छोटे किसानों के लिए सहायता
छोटे और सीमांत किसानों को सुनिश्चित आय सहायता प्रदान करने के लिए सरकार ने फरवरी, 2019 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) शुरू की।
वर्ष 2013 में पीडीएस को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 (एनएफएसए 2013) के तहत एक व्यापक योजना के साथ बदल दिया गया था, जिसने अन्य कई पहलुओं के साथ-साथ पीडीएस के तहत कवरेज का विस्तार किया एवं अनाज सब्सिडी की सीमा में वृद्धि की, साथ ही भोजन के अधिकार को वैध बनाया और अनाज के अधिकार को नकदी से बदलने की गुंजाइश दी। प्रणाली को सुचारू रूप से चलाने के लिए, भारतीय खाद्य निगम (FCI), जो NFSA को लागू करने के लिए नोडल एजेंसी है, प्रति वर्ष लगभग 813 मिलियन लोगों, यानी भारत की कुल आबादी के लगभग 67% लोगों के लिए लगभग 61.4 MMT अनाज खरीदता और वितरित करता है।
कृषि विपणन में भारत सरकार द्वारा नीतिगत अभियान को निम्नलिखित विभिन्न योजनाओं, पहलों और नीतियों के माध्यम से अच्छी तरह से दर्शाया गया है:
- मॉडल अधिनियम “राज्य/केंद्र शासित प्रदेश कृषि उपज और पशुधन विपणन (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2017” (एपीएलएम 2017) का शुभारंभ
- ग्रामीण हाटों का ग्रामीण कृषि बाजारों (जीआरएएम) में विकास 2018-19
- राष्ट्रीय कृषि बाजार (NAM) और इसका इलेक्ट्रॉनिक प्लैटफॉर्म यानी e-NAM 2016 में लॉन्च किया गया
- सितंबर, 2018 में पीएम-आशा
- कृषि निर्यात नीति 2018
- अनुबंध खेती और मॉडल अनुबंध खेती को अपनाना अधिनियम, 2018: राज्य/केंद्र शासित प्रदेश कृषि उपज और पशुधन अनुबंध खेती और सेवाएं (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2018
- निर्दिष्ट खाद्य पदार्थों पर लाइसेंसिंग आवश्यकताओं, स्टॉक सीमा और संचलन प्रतिबंधों को हटाना आदेश, 2016
- 2018-19 में एमएसपी को उत्पादन लागत के 50% से ऊपर बढ़ाना
![Radha Mohan SingH Ji With Farmers](https://radhamohansingh.com/wp-content/uploads/2024/02/Radha-Mohan-SingH-Ji-With-Farmers.jpg)
राधा मोहन सिंह की कृषि विरासत: परिवर्तन का एक युग
भारत सरकार में कृषि और किसान कल्याण मंत्री के रूप में श्री राधा मोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान, कृषि क्षेत्र को बढ़ाने और भारतीय किसानों के कल्याण में सुधार के लिए कई प्रमुख पहल की गई।
कृषि के क्षेत्र में महत्व सुधर एवं उपाय
श्री राधा मोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान लागू किए गए निम्न महत्त्वपुर्ण सुधार और उपाय शामिल हैं
![प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई)_Radha MOhan Singh BJP Motihari](https://radhamohansingh.com/wp-content/uploads/2024/02/3.png)
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई)
यह योजना प्राकृतिक आपदाओं, कीटों या बीमारियों के कारण फसल के नुकसान की स्थिति में किसानों को वित्तीय सहायता और बीमा कवरेज प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी। पीएमएफबीवाई का उद्देश्य किसानों के सामने आने वाली आर्थिक कमजोरियों को कम करना और उन्हें आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
![मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना_ Radha MOhan Singh Ji BJP](https://radhamohansingh.com/wp-content/uploads/2024/02/2.png)
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का उद्देश्य मिट्टी की पोषक स्थिति का आंकलन करना और मिट्टी की उर्वरता और फसल उत्पादकता में सुधार के लिए किसानों को अनुकूलित उपाय प्रदान करना है। इससे किसानों को उर्वरक अनुप्रयोग और भूमि प्रबंधन के संबंध में समुचित निर्णय लेने में मदद मिली।
![ई-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार)_Radha Mohan Singh](https://radhamohansingh.com/wp-content/uploads/2024/02/E-NAm.png)
ई-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार)
इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाज़ार एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म है, जो राज्यों के कृषि उपज बाज़ारों को परस्पर जोड़ता है। यह किसानों के लिए पारदर्शी मूल्य निर्धारण और बाजार तक बेहतर पहुंच की सुविधा प्रदान करता है, जिससे वे प्रतिस्पर्धी दरों पर अपनी उपज बेचने में सक्षम होते हैं।
![परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई)_Radha Mohan Singh BJP](https://radhamohansingh.com/wp-content/uploads/2024/02/5.png)
परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई)
इस योजना ने रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर निर्भरता को कम करते हुए, जैविक खेती और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा दिया। पीकेवीवाई ने पारंपरिक और स्वदेशी कृषि तकनीकों के उपयोग को प्रोत्साहित किया।
![प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई)_Radha MOhan Singh BJP](https://radhamohansingh.com/wp-content/uploads/2024/02/4.png)
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई)
पीएमकेएसवाई का उद्देश्य सिंचाई सुविधाओं का विस्तार और जल संरक्षण को बढ़ावा देकर, कृषि में जल उपयोग दक्षता में सुधार करना है। इस योजना में सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियों और जल भंडारण संरचनाओं का विकास शामिल था।
![फसल विविधीकरण को बढ़ावा by radha Singh Mohan Ji](https://radhamohansingh.com/wp-content/uploads/2024/02/फसल-विविधीकरण-को-बढ़ावा_.png)
फसल विविधीकरण को बढ़ावा
मोनोकल्चर से जुड़े जोखिम को कम करने और उनकी आय बढ़ाने के लिए फसलों में विविधता लाने और किसानों को विभिन्न प्रकार की फसलें उगाने हेतु प्रोत्साहित करने के प्रयास किए गए।
![Agricultural Infrastructure Development Fund (AIDF) AIDF Radha MOhan Singh](https://radhamohansingh.com/wp-content/uploads/2024/02/6.png)
कृषि अवसंरचना विकास निधि (एआईडीएफ)
एआईडीएफ की स्थापना कोल्ड स्टोरेज, गोदामों और प्रसंस्करण इकाइयों सहित फसल कटाई के बाद के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए की गई थी। इस बुनियादी ढांचे ने फसल के बाद के नुकसान को कम करने में मदद की और किसानों के लिए बेहतर मूल्य प्राप्ति सुनिश्चित की।
![किसान क्रेडिट कार्ड का वितरण By BJP Leader Radha MOhan Singh ji](https://radhamohansingh.com/wp-content/uploads/2024/02/8.png)
किसानों का कल्याण और समर्थन
किसानों के समग्र कल्याण में सुधार के लिए कई उपाय किए गए, जिनमें किसान क्रेडिट कार्ड का वितरण, कृषि ऋण उपलब्धता में वृद्धि और विभिन्न बीमा योजनाओं का कार्यान्वयन शामिल है।
![महिला स्वयं सहायता समूहों_Radha Mohan Singh Ji](https://radhamohansingh.com/wp-content/uploads/2024/02/7.png)
कृषि क्षेत्र में महिलाओं को सशक्त बनाना
कृषि में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए पहल की गई, जिसमें कृषि गतिविधियों में उनकी भागीदारी को प्रोत्साहित करना और महिला स्वयं सहायता समूहों को सहायता प्रदान करना शामिल है।
![राष्ट्रीय गोकुल मिशन_BJP Leader Radha MOhan Singh JI](https://radhamohansingh.com/wp-content/uploads/2024/02/9.png)
राष्ट्रीय गोकुल मिशन
यह मिशन स्वदेशी नस्लों के विकास और संरक्षण पर केंद्रित है। यह गिर और साहीवाल जैसी विशिष्ट स्वदेशी नस्लों का उपयोग करके गैर-वर्णित मवेशियों के चयनात्मक प्रजनन और आनुवंशिक उन्नयन के माध्यम से किया जाता है। यह मिशन दूध उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में भी काम करता है और स्टॉक बढ़ाने के लिए स्वदेशी मवेशियों के लिए नस्ल सुधार कार्यक्रम चलाता है।
![आरकेवीवाई-रफ़्तार के तहत नवाचार और कृषि उद्यमिता_Radha Mohan Singh JI BJP leader](https://radhamohansingh.com/wp-content/uploads/2024/02/1.png)
आरकेवीवाई-रफ़्तार के तहत नवाचार और कृषि उद्यमिता
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई), कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय (एमओएएंडएफडब्ल्यू) की एक महत्त्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है। कृषि उद्यमिता और कृषि-व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए, वित्तीय सहायता प्रदान कर एवं सम्पूर्ण इकोसिस्टम का अध्ययन कर संशोधित योजना आरकेवीवाई-रफ़्तार के अंतर्गत एक नया घटक 2018-19 में लॉन्च किया गया।